
कवर्धा। आगामी नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर, छत्तीसगढ़ स्थानीय प्राधिकारी (निर्वाचन अपराध) अधिनियम, 1964 की धारा 14-क के तहत निर्वाचन पैफ्लेट, पोस्टर, हँड बिल तथा अन्य दस्तावेजों पर प्रकाशक एवं मुद्रक का नाम और पता अंकित करना अनिवार्य किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी गोपाल वर्मा ने जिले के सभी प्रकाशकों की बैठक लेकर इस नियम की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी मुद्रित सामग्री पर मुद्रक या प्रकाशक का नाम नहीं होगा, तो इसे रिटर्निंग ऑफिसर के संज्ञान में लाकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
एमसीएमसी से पूर्व अनुमति जरूरी
कलेक्टर ने बताया कि किसी भी चुनावी प्रचार सामग्री को प्रकाशित करने से पहले मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) को सूचित करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, दमूस (डीएमयूएस) को भी अन्य दस्तावेजों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
राजनीतिक विज्ञापनों के लिए एमसीएमसी की मंजूरी अनिवार्य
राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों का प्रमाणन किया जाएगा। सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे—
✔️ टीवी चैनल
✔️ केबल टीवी
✔️ रेडियो (निजी एफएम सहित)
✔️ ई-समाचार पत्र
✔️ बल्क एसएमएस व वॉयस मैसेज
✔️ सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम
✔️ सोशल मीडिया और वेब पेज
— पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन प्रसारित करने से पहले संबंधित अभ्यर्थी या राजनीतिक दल को एमसीएमसी से अनुमति लेनी होगी।
निर्देशों का पालन अनिवार्य
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें ताकि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू रूप से संचालित हो सके।